Sunday 18 December 2011

BAT ANNAON SE

अन्ना  के पिछले अनशन के दौरान  उनके समर्थकों ने अपने माथे पर "   मैं भी अन्ना हूँ " का पट्टा बांध रखा 
था. ये अन्ना उसी जनमानस के हिस्से हैं  जो सांसदों को चुनते हैं. 
ये सांसद संसद का सदस्य होने के पूर्व पार्टियों के उम्मीदवार  होते हैं . इन उम्मीदवारों में इन अन्नाओं में से 
भी कोई हो सकता है .अतः इन्हें स्वयं नैतिकता को भी साधना पड़ेगा. व्यवस्था को बदलने के साथ आदमी 
का प्रयोग  भी  साथ साथ ही साधना होगा .गाँधी ने पूरे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नैतिकता का बारीकी से 
ध्यान रखा था. जयप्रकाश नारायण  को इसके लिए समय नहीं मिला. जे पी आन्दोलन साथ देने वाले  ये    नैतिक से दिखनेवाले लोग मछली पकड़ने के लिए ध्यान लगाये  बगुले की तरह  सत्ता पाने का साधन भर     बना  बैठे. 
अन्ना समर्थक इन अन्नाओं के साथ भी यह खतरा बना हुआ है. देश को नैतिक बल देने वाली कोई नैतिक 
ताकत देश में दिखाई  नहीं देती .अन्ना को aur इन अन्नाओं को इस पर भी काम  करना पड़ेगा .

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